जीवन मे सफलता के लिए ये जरूर याद रखे
हाँ, तो में आपको आज यही बताने वाला हूँ की जिंदगी में अगर हमको सुखी रहना हैं तो सर्वप्रथम शरीर से स्वस्थ रहना बहुत जरूरी हैं। अगर शरीर से आप स्वस्थ हैं तो आप वो सबकुछ हासिल कर सकते हैं जो आप करना चाहते हैं। हालांकि इसके साथ आपको अपना मन भी संतुलित रखना बहुत जरूरी हैं। ओर इसके लिए आपको ध्यान सीखना पड़ेगा ।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आस पास का वातावरण जहां आप रहते हैं उसका स्वस्छ होना बहुत जरूरी हैं। वातावरण का भौतिक रूप साफ सुथरा तो जरूरी हैं ही लेकिन व्यवहारिक रूप से भी अच्छा होना चाहिए जैसे कि आप के दोस्त कैसे हैं, आप उनसे कीस टॉपिक पर बात करते हैं, माता पिता के साथ आपका व्यवहार कैसा हैं, अगर आप विद्यार्थि हैं तो स्कूल के टीचर साथ कैसा व्यवहार हैं, अगर आप नौकरी करते हैं तो सहकर्मी कैसे है और आप किन मुद्दों पर बात करते हैं। क्या खाते हैं, क्या पीते हैं कहने का मतलब आपके खान पान से हैं।
जैसी आपकी जीवन शैली होगी वैसे ही आपका स्वास्थ्य बनेगा और उसी से आपका व्यक्तित्व, ओर उसी से आपकी सफलता निश्चित होती हैं।
अच्छी जीवनशैली की कुछ बाते जो आप अपना कर शरीर से स्वस्थ बना जा सकता हैं।
1. अच्छी नींद लेना
रात को जल्दी सो जाना और सुबह जल्दी उठ जाना। बहुत मुश्किल नही है ऐसा करना। जो लोग रेगुलर जिम जाते हैं वो सुबह जल्दी उठ जाते हैं ओर बड़े बुजुर्ग भी कह गए हैं कि सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। लेकिन सुबह जल्दी उठने के लिए रात को जल्दी सोना भी पड़ता हैं जो आज कि भाग दौड़ भारी जिंदगी में बहुत मुश्किल हो गया हैं।
बहुत से लोगो के तर्क होंगे कि हम आफिस से आते ही लेट हैं, हमारा टाइमिंग ही लेट हैं तो क्या करे। बात तो बहुत सत्य हैं लेकिन जिंदगी की अच्छे से ओर शरीर को स्वस्थ रखना हैं तो ये बहुत जरूरी हैं शारीरिक काम सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही करना चाहिए और बाकी रात के समय शरीर को आराम। आप सुबह 5 बजे उठ सकते हैं और रात को 10 बजे तक सो जाएं।
2. खाना पीना मतलब अच्छा भोजन
शरीर से स्वस्थ रहने के लिए अच्छे भोजन का होना बहुत जरूरी हैं। लेकिन अच्छे भोजन का मतलब ये नही की थोड़े थोड़े अंतराल पर दिन भर खाते रहे। हमे दिन में खाने का टाइम फिक्स कर लेना चाहिये और उसी हिसाब से खाना चाहिए।
जैसे कि सुबह उठ कर अगर आप 8 बजे ब्रेकफास्ट करते हैं तो दोपहर का खाना आपको 12 से 1 बजे तक कर लेना चाहिए। और शाम का खाना हल्का हो सकता हैं लेकिन सूर्यास्त से पहले की कर लेना चाहिए। और कोशिश करे कि सोने का समय 10 बजे तक रखे ।
आपको खाने में क्या खाना हैं ये आपको खुद निश्चित करना चाहिए लेकिन खाना सात्विक होना चाहिए और उन चीज़ों को सम्मलित करना चाहिए जो जल्दी ओर आसानी से पचे। हाँ, एक बात और खाने को चबा चबा कर खाना चाहिए भले ही समय ज्यादा लगे।
खाने में शक सब्जियां तथा फल ज्यादा सम्मिलित करे जो कि भोजन को सुपाच्य बना देगा।
एक महत्त्वपूर्ण बात भोजन हमेशा दिन में ही करना चाहिए लेकिन एक नियत समय पर ओर अपने पेट को समय दे कि वो जठराग्नि से भोजन को पचा सके ओर जब दुबारा भूख लगे तभी भोजन करे।
3. कसरत या व्यायाम करे
शरीर को अच्छे भोजन के साथ साथ आपको हल्की कसरत ओर व्यायाम की भी आवश्यकता होती हैं। हमारी सलाह रहेगी कि आप सुबह जल्दी उठ कर हल्की कसरत ओर व्यायाम कर सकते हैं। ज्यादा कठिन परिश्रम करने की कोई आवश्यकता नही हैं।
5 से 10 मिनट का योग का अभ्यास भी करे जिससे मन शांत रहेगा और परमात्मा के साथ अपने को जोड़े।
सोने से पहले आप 5 मिनिट का ध्यान जरूर करे और कोशिश करे आप एकाग्रचित हो सके। रोजाना अभ्यास करने से इसमे सफल हो जाएंगे। अपने इष्ट को ध्यान लगाएं और आज के दिन के लिए धन्यवाद अर्पित करे ओर कल अच्छा होगा ये जरूर सोचे।
4. अच्छा वातावरण बनाये । संपर्क बढ़ाये
ये सोचने से बहुत कठिन मालूम पड़ता हैं कि हम अच्छा वातावरण कैसे बनाये लेकिन ये बिल्कुल भी मुश्किल नही हैं। जीवन मे अगर आपको अच्छा पाना हैं तो अच्छे की कामना करनी ही होगी, जैसे आप भगवान के सामने ये कामना करते हैं कि हमे सबकुछ अच्छा मिले, तरक्की हो जाए, मेरा भला हो सबकुछ लेकिन सच्चाई ये हैं कि भगवान ऐसा कोई आशीर्वाद नही देता ये सबकुछ आपके मांगने की धारणा से ही होता हैं। आपने अच्छा मांगा तो अच्छा हुआ।
ऐसे ही आपको जीवन मे अच्छा माहौल बनाना पड़ेगा। आपको दोस्तो को बदलने की कोई जरूरत नही हैं। आप उन्ही दोस्तो के साथ अच्छी बातें करें जो तरक्की दे सकती हैं ओर नए दोस्तो से संपर्क बनाए। व्यक्ति कैसा भी हो लेकिन उसमें अच्छाई हैं तो जरूर दोस्ती करनी चाहिए अच्छी आदतें सेहत के लिए अच्छी होती हैं।
अच्छी किताबो को पढ़ने की आदत बनाये। अपने जीवन मे सफलतम व्यक्ति की जीवनी को पढ़े और शिक्षा को अपने जीवन मे उतारे ओर दोस्तो के साथ विमर्श भी करे।
5. साफ पानी पिये तथा घूंट घूंट कर पिये
बात बहुत ही सीधी ओर आसान हैं और आप सोच रहे होंगे कि इसका यहाँ जिक्र करना इतना आवश्यक नही हैं क्योंकि अधिकतर सभी साफ पानी ही पीते हैं।
हाँ, ये बात सच हैं इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले सभी लोग साफ पानी ही पीते हैं और मेरा ये ब्लॉग पढ़ने वाले तो 100% जरूर पीते होंगे लेकिन हमारे देश और दुनिया मे बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको साफ पानी ही उपलब्ध नही हैं और जिनको उपलब्ध हैं वो भी पानी को सही तरीके से नही पीते हैं।
पानी को हमेशा नियमीत अंतराल पर घूंट घूंट कर जमीन पर बैठ कर पीना चाहिए। कहने का मतलब ये हैं कि दिन में कम से कम 8 से 10 लीटर पानी जमीन पर नीचे बैठ कर पीना चाहिए। जमीन पर बैठना संभव ना होतो कम से कम कुर्सी पर बैठ कर पीना चाहिए ओर यही भोजन करते समय भी लेकिन खड़े खड़े तो कभी भी खाना और पीना नही चाहिए।
हमारी भारतीय परंपरा के अनुसार हम रात को पीतल या तांबे के बर्तन में पानी रखते हैं और सुबह पीते हैं लेकिन इस परंपरा को लोग भुला चुके हैं लेकिन ये फिर से जीवंत हुई हैं और आजकल घर हो या आफिस सभी जगह लोग तांबे की बोतल या कलश या घड़े से पानी पीते हैं।
लेकिन याद रहे तांबे ओर पीतल के बर्तन का पानी निरन्तर न पीकर कुछ दिन मिट्टी के घड़े से पिये मतलब 4-5 सप्ताह तांबे के बर्तन से फिर 1-2 सप्ताह मिट्टी या स्टील के बर्तन का ओर फिर वापस से तांबे या पीतल के बर्तन से। इससे आपके शरीर मे तांबे की मात्रा बराबर रहेगी।
अंतः याद रहे -
सादा पानी जो कुएं, हेण्डपम्प या अन्य जगह से क्यों ना निकाला हो हमेशा छान कर ही पिये।
एक बात और याद रहे भोजन करने के आधा घंटा पहले तथा भोजन के पौन घंटा तक पानी न पिएं। शरीर को मौका दे कि वो अपनी जठराग्नि से भोजन को पचा सके। शुरू में ऐसा करने से आपको अटपटा लगेगा लेकिन फिर आपको आदत पड़ जाएगी और पेट संबधी सारी समस्या से निजात मिलेगी।
इस तरह की अच्छी जीवनशैली को अपना कर आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते है अपनी काया को निरोगी बना सकते। एक स्वस्थ निरोगी शरीर मे ही स्वस्थ दिमाग विकसित होता हैं और उसी से आप अपने जीवन मे वो हासिल कर सकते हैं जो आप करना चाहते हो।
अगर कोई व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान हैं तो दिमागी रूप से वो कोई काम नही कर सकता, उसके दिमाग मे नए आईडिया नई सोंच विकसित नही हो सकती और वो अपनी किस्मत, अपने नसीब ओर अपने समाज को कोसता रहता हैं की उसे अच्छी नॉकरी नही मिली, वो जो भी काम करता हैं असफल हो जाता हैं। हमेशा निराश ही क्यों हाथ लगती हैं उसके सितारे साथ नही दे रहे हैं आदि आदि।
उसी प्रकार से यदि कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से हष्ट पुष्ट नही हैं तो उसको हमेशा कोई न कोई अवसाद रहेंगें ओर वो हमेशा उसी में फसा रहेगा और नई सोच, नई दिशा तय नही कर पाएगा। अपने काम मे मन नही लगा सकेगा और फिर वोही बात अपनी किस्मत ओर समाज और हो सकता हैं अपने माता पिता को भी कोसने लग जाये।
मै आशा करता हूँ कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको प्रेरक लगी होगी और में मानता हूं कि इसमें ओर भी कुछ जानकारी को सम्मिलित किया जा सकता है जो मुझसे रह गई हैं।
आप अपने सुझाव ओर जानकारियां कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ये बहुत ही सराहनीय होगा और मेरे लिए महत्पूर्ण होगी।
आपके समय और इस पूरे ब्लॉग को पढ़ने के लिए धन्यवाद ।
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